कुछ लकङियों के बीच देह तो जला आए थे उनका पर रिश्ते के धागों का क्या हश्र हुआ किससे पूछे हर रात तुम्हारे कपङों में महक खोजते हुए तकिए को भिगों देते क्या तुम्हें भी हम याद है किससे पूछे
उलझनों के सिरे को पकड़कर दूसरे से जोड़ना अच्छा है। इसकी गहराई को समझना सिर्फ अंदाजा लगाना है।
उलझनों के सिरे को पकड़कर दूसरे से जोड़ना अच्छा है। इसकी गहराई को समझना सिर्फ अंदाजा लगाना है।
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