कभी, कभी..

मीलों का फासला तय कर लेते हैं यूं ही,
और एक कदम भी नहीं बढ़ाना पड़ता। सड़क के उस पार नज़र आते हैं हमसफ़र,
जो हाथ थामें चल रहें हैं साथ।

कई रेखाएं खिंच जाती हैं दिलों के दरम्यान,
जो हाथों की लकीरों में खुशियां खोजते थे अपनी। मीलों का फासला तय कर लेते हैं यूं ही,
और एक कदम भी नहीं बढ़ाना पड़ता

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