हुबहू वैसा ही तो है
ये तस्वीर भी कमाल करती है
कभी यादों की बारात संग लाती है
तो कभी घर सूना कर जाती है
इतने अरसे बाद आज तुम्हारा तस्वीर
उसमें तुम्हारा चेहरा
होंठों पे वही मूँछें
माथे से हटे वो बाल
सब हुबहू वैसा ही था
मानो इतने सालों का यह समय कभी
बीता ही ना हो
हमारे बीच आयी वो दूरियाँ ना हो
वो साल थम कर से रह गए हों
पर जब लगा अगर इसी हुबहू चेहरे
साथ गर सामने आते
तो क्या तुम्हें पहचान पाती
उस चेहरे के साथ वही आत्मीयता वो ही
प्यार महसूस कर पाती
या कुछ नया सा लगने लगता वोही जाना
पहचाना चेहरा
या फिर बस जाना पहचाना लगता
कभी अपना सा लगने वाला तुम्हारा
चेहरा
कुछ ग़ौर से देखा
तो फ़र्क़ समझ आया
क्यूँ देखते ही दिल की धड़कन तो तेज़ हुई
पर फिर भी कुछ नयापन सा लगा
ये समझ आया
इतने सालों में ख़ाली सिर्फ़ आँखें रही
तुम्हारी
चेहरा कुछ भर सा गया है
सालों में उम्र नहीं बढ़ी उतनी
फिर भी दाढ़ी में एक सफ़ेद बाल नज़र
आया
आँखों के बीचे काले गहरे थोड़े और
गहरा गए हैं
वो जो आँसू उन रातों में तुम पी गए
शायद वो उन घेरों को धो पाते
इतना कुछ नया फिर भी वो चेहरा
हुबहू वही सा लगा
इतने सालों का डर कि शायद
ज़िंदगी के किसी मोड़ पर कहीं मिले तो मेरी
थकी सफ़ेद आँखें
चेहरा पहचानने से चूक ना जाए
पर ऐसा कुछ नहीं हुआ
हुबहू वोही चेहरा और उसे
हुबहू उसी तरह मेरी नज़रों ने
पहचाना
तुम्हारे चेहरे की उन आँखों को अपने
चेहरे पे उसी तरह महसूस किया
ममुझे देखते ही वो जो हल्की मुस्कान
छुपाते हो
उसे भी पहचान लिया
उँगलियों से मूँछों को वो ताव देना
सोचते हुए कुछ बस यूँ ही
चेहरे को हथेली के सहारे टिकाना
सब हुबहू वैसा ही तो है
फिर भी कुछ बदला सा लगा
पहचान तो लिया पर अपना सा नहीं लगा
इतनी सालों का भूत तुम्हारी आँखों से
झाँकता है
चेहरे पे वो एक एक साल
एक एक दिन
एक एक पल का हिसाब दिखता है
दाढ़ी के सफ़ेद बाल
वो सिकुड़ी हुई नाक
हल्के भरे गाल
माथे से हल्के होते बाल
ख़ाली सफ़ेद आँखें
ये सब ही बस नया था
जो हमारे उस वनवास की कहानी
चीख़ते हैं
वो वनवास जो इस दफ़ा तो ख़त्म नहीं
होगा
बस रहेगी तो तुम्हारी कुछ तस्वीरें
जो ओने बोने कभी सोशल मीडिया पे
नज़रों से टकरा जाएगी
और उन तस्वीरों में तुम्हारा चेहरा
जो हुबहू वैसा है
बस थोड़ा नया सा है
बाक़ी हुबहू वैसा ही तो है
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