कहते हो अच्छे से अभी तुम्हें जाना नहीं,और अभी से तुमको जाना है
कॉफ़ी से ज़्यादा चाय पसंद है,
दूध में रूहअफ़्ज़ा ज़हर लगता है,
ये तो अभी ही जाना है!
चार दिन हुए पता लगे
कि जूस में तुम्हें अमरूद पसंद है,
उस जगह की बिरयानी कुछ ख़ास नहीं है,
ये सब तो अभी जाना है,
और तुम कहने लगे हो कि तुम्हें जाना है!
मुझपे रंग तुम्हें लाल पसंद है,
ख़ुद को पसंद तुम्हें नारंगी,
यही जानकर आज लाल पहना है।
पर तुम तो कहते हो कि तुम्हें जाना है!
बालों में मेरे तुम्हारी उँगलियाँ हो,
पर कोई न तुम्हारे बाल छुए,
ये सब कब बताया तुमने?
ये भी तो सब मैंने ख़ुद जाना है!
और भी है जानना तुम्हें
पर तुम तो कहते हो कि तुम्हें जाना है
गजरे में तुम्हें बेली पसंद है,
बिस्तर पर गुलाब की पंखुड़ियाँ,
सीने पे तुम्हारे सिर हो मेरा,
ये सब और बहुत कुछ पसंद है
जो सब मैंने अभी कहाँ जाना है
और अभी से तुमको जाना है!
कुछ देर ठहर जाओ साथ मेरे, लगे कि तुमको कुछ जाना है,
इससे पहले कि तुम फिर बोल पड़ो कि अब फिर तुमको जाना है।
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